India is my country and all Indians are my brother and sisters. I love my country and I am proud of its rich and varied heritage. I shall always strive to be worthy of it. I shall give respect to my parent, teachers and to all elders and treat everyone with courtesy. To my country any my people I pledge my devotion. In their well-being and prosperity alone, lies my happiness.
इतनी शक्ति हमें देना दाता,
मन का विश्वास कमज़ोर हो ना
हम चलें नेक रास्ते पे हम से,
भूलकर भी कोई भूल हो ना।
दूर अज्ञान के हों अंधेरे, तू हमें ज्ञान की रोशनी दे
हर बुराई से बचते रहें हम, जितनी भी दे भली जिन्दगी
बैर हो ना किसी का किसी से, भावना मन में बदले की हो ना
हम चलें नेक......
हम ना सोचें हमें क्या मिला हैं,
हम ये सोचें किया क्या है अर्पण
फूल खुशियों के बाँटे सभी को,
सबका जीवन ही बन जाये मधुबन
अपनी करुणा का जल तू ही बहा के,
कर दे पावन हर एक मन का कोना
हम चलें नेक......
जन-गण-मन अधिनायक जय हे,
भारत भाग्य विधाता
पंजाब, सिन्ध, गुजरात, मराठा,
द्राविड़ , उत्कल, बंग
विंध्य, हिमांचल, यमुना, गंगा,
उच्छल जलधि तरंग
तव शुभ नामे जागे,
तव शुभ आशिष मांगे
गाहे तव जय गाथा
जन-गण-मंगलदायक जय हे,
भारत भाग्य विधाता
जय हे! जय हे! जय हे!
जय, जय, जय, जय हे।
वन्दे मातरम्
सुजलाम् सुफलाम् मलयज
शीतलाम् ।
शस्य श्यामलाम् मातरम् ।
वन्दे मातरम् ।।
शुभ्रज्योत्सनापुलकिंतयामिनीम् ।
फुल्लकुसुमित द्र्रमदल शोभिनीम् ।
सुहासीनीम् सुमधुर भाषिणीम् ।
सुखदाम् वरदाम मातरम् ।
वन्दे मातरम् ।।
हे शारदे मां, हे शारदे मां
अज्ञानता से हमें तार दे मां ।.................2
तू स्वर की देवी है संगीत तुझसे,
हर शब्द तेरा है हर गीत तुझसे,
हम हैं अकेले हम हैं अधूरे,
तेरी शरण में हमें प्यार दे मां।
हे शारदे मां...........................
मुनियों ने समझी गुणियों ने जानी,
वेदों की भाषा पुराणों की वाणी,
हम भी तो समझें हम भी तो जानें,
विद्या का हमको भी अधिकार दे मां।
हे शारदे मां...........................
तू श्वेतवर्णी कमल पे विराजे,
हाथों में वीणा मुकुट सिर पे साजे,
मन से मिटा दो गमों के अंधेरे,
उजालों का हम को भी संसार दो मां।
हे शारदे मां...........................